से पहले एक बड़ा विवाद सामने आया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर बीजेपी ने दो मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) रखने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में चुनाव आयोग ने तेजस्वी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा और एफआईआर की धमकी दी। हैरानी की बात है कि तेजस्वी और बाकी विपक्षी नेता जब चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हैं तो बीजेपी ही नहीं चुनाव आयोग चुप्पी साध लेता है। लेकिन उसके पास विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं है।
तेजस्वी के पास फर्जी कार्ड?—-
तेजस्वी यादव ने पटना में शनिवार 2 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया था कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद प्रकाशित मतदाता सूची में उनका नाम गायब है। उन्होंने अपने मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी नंबर RAB2916120) का उपयोग कर चुनाव आयोग के मोबाइल ऐप पर अपनी जानकारी चेक की, जिसमें ‘कोई रिकॉर्ड नहीं मिला’ का संदेश दिखा। तेजस्वी ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साधा और कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। हालांकि कुछ देर बाद चुनाव आयोग ने कहा कि तेजस्वी का नाम ड्राफ्ट सूची में है।

तेजस्वी पर बीजेपी का तीखा हमला

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि वह मतदाता सूची में अपना नाम खोजने में असमर्थ हैं और भ्रामक दावे कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर मतदाता सूची का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें तेजस्वी का नाम और फोटो मौजूद है।
तेजस्वी पर चुनाव आयोग की कार्यवाही —–
विपक्ष का आरोप —

Author: sarvendra chauhan
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