भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक राखी का त्योहार आने वाला है। ये त्योहार हर साल सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल ये 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें भाई को राखी बांधती हैं और उनकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहन को सारी जिंदगी रक्षा का वचन देते हैं। राखी जैसे-जैसे पास आ रही है, वैसे-वैसे बाजार तरह-तरह की राखियों से सज रहे हैं।
धागे वाली, डिजाइनर राखी, बच्चों के लिए लाइट वाली राखी, कुंदन की राखी, यहां तक की चांदी आदि धातुओं से बनी राखियां बाजार में खूब बिक रही हैं।
इस बार अपने भाई के लिए क्यों न ऐसी राखी चुनें जो उन्हें आपकी मंगलकामनाएं देने के साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि करें। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस राखी खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना है। आइए जानें इसके बारे में—-
वास्तु शास्त्र में मान्यता है कि राखी का रंग और उसकी सजावट का बड़ा महत्व है। हर रंग की अपनी ऊर्जा होती और सजाने के लिए लगाई गई चीजों का अलग महत्व होता है। इसलिए राखी खरीदते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। भाई के लिए सही राखी चुनकर आप उनके सौभाग्य के दरवाजे खोल सकती हैं। लाल, पीला और हरा रंग पहनने वाले को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं, उसी तरह इन रंगों से बनी राखी भाई को सकारात्मक ऊर्जा देने के साथ जीवन में आने वाली परेशानियों को भी दूर करेगी।
लाल राखी– लाल रंग की राखी भाई का आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगी।
पीली राखी– राखी का यह रंग बुध ग्रह और लक्ष्मी जी की कृपा का प्रतीक माना जाता है। इस रंग की राखी समृद्धि प्रदान करती है।
हरी राखी- इस रंग की राखी भाई की सेहत और शांति के लिए अच्छी रहेगी। यह पारिवारिक सौहार्द्र बढ़ाएगी।
सफेद राखी– सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है। इस रंग की राखी भाई के गुस्से को शांत करने और तनाव दूर करने में मददगार होगी।
इन रंगों से रहें दूर—-
काले या भूरे रंग नकारात्मक ऊर्जा, रुकावटें और मानसिक उलझनें ला सकते हैं। काले रंग की राखी- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भाई की कलाई पर काले रंग की राखी नहीं बांधनी चाहिए।
मान्यता है कि काले रंग का संबंध शनिदेव है। शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में क्रूर ग्रह माना गया है। माना जाता है कि काले रंग की राखी बांधने से अशुभ समय शुरू हो जाता है।इसलिए वास्तु के अनुसार इन रंगों की राखी नहीं बांधनी चाहिए।
भद्रा योग ज्योतिषियों की मानें तो रक्षा बंधन के दिन भद्रा का साया नहीं पड़ने वाला है। 08 अगस्त को भद्रा का साया है। 08 अगस्त को भद्रा दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 09 अगस्त को देर रात 01 बजकर 52 मिनट तक है। यह गणना अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार है।
वहीं, 09 अगस्त को दिन में भद्रा का साया नहीं है। 09 अगस्त को भद्रा यानी पंचक देर रात (10 अगस्त) 02 बजकर 11 मिनट से सुबह 05 बजकर 20 मिनट तक है। इसके लिए 09
अगस्त को भद्रा का साया नहीं है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सावन पूर्णिमा 9अगस्त 2025 को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.
राखी के धागे की अहमियत——
राखी खरीदते समय ध्यान रखें कि सिंथेटिक या प्लास्टिक की राखी न खरीदें। वास्तु के अनुसार इन राखियों में प्राकृतिक ऊर्जा नहीं होती है। भाई के लिए कच्चे सूत या रेश्मी धागे से बनी राखी सबसे अच्छी होती है। माना जाता है कि इससे जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा लेकर आती है।


Author: sarvendra chauhan
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